तेरापंथ समाज के युवा अध्यात्म एवं आत्म कल्याण की दिशा में आगे बढ़ें इस हेतु अभातेयुप द्वारा ‘मैं हूं सामायिक साधक’ आयाम संचालित किया जा रहा है। ‘सामायिक’ अध्यात्म का पहला सोपान है। सामायिक समता का अभ्यास और साधना है और इंद्रियों को अंतर्मुखी, मन को शांत, स्थिर एवं समाधिमय बनाने का उपक्रम है। जीवन में सामायिक की उपासना का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। सामायिक के प्रति रूचि जागृत करने एवं जैन एकता और विश्व मैत्री का संदेश देने हेतु अभातेयुप इस आयाम के अंतर्गत प्रति वर्ष नववर्ष के प्रथम रविवार को अभिनव सामायिक फेस्टीवल का आयोजन पूरे देश में परिषदों के माध्यम से करती है।
मैं हूं सामायिक साधक
तेरापंथ समाज के युवा अध्यात्म एवं आत्म कल्याण की दिशा में आगे बढ़ें इस हेतु अभातेयुप द्वारा ‘मैं हूं सामायिक साधक’ आयाम संचालित किया जा रहा है। ‘सामायिक’ अध्यात्म का पहला सोपान है। सामायिक समता का अभ्यास और साधना है और इंद्रियों को अंतर्मुखी, मन को शांत, स्थिर एवं समाधिमय बनाने का उपक्रम है। जीवन में सामायिक की उपासना का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। सामायिक के प्रति रूचि जागृत करने एवं जैन एकता और विश्व मैत्री का संदेश देने हेतु अभातेयुप इस आयाम के अंतर्गत प्रति वर्ष नववर्ष के प्रथम रविवार को अभिनव सामायिक फेस्टीवल का आयोजन पूरे देश में परिषदों के माध्यम से करती है।
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