आचार्य प्रवर की अहिंसा यात्रा/अणुव्रत यात्रा के अन्तर्गत रास्ते की सेवा एवं देशभर में विचरण करने वाले चारित्रात्माओं की रास्ते की सेवा का महत्वपूर्ण दायित्व अभातेयुप के आयाम ‘युवा वाहिनी’ के अन्तर्गत शाखा परिषदों द्वारा निर्वहन किया जाता है। अभातेयुप की टीम के सदस्यों, देशभर की शाखा परिषदों के युवकों व किशोरों को आचार्य प्रवर की अहिंसा यात्रा/अणुव्रत यात्रा एवं चारित्रात्माओं की रास्ते की सेवा में सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है एवं अभातेयुप के तीनों आयामों (सेवा-संस्कार-संगठन) में कार्य करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है।
Convenor
Co-convenor
साथियों सादर जय जिनेंद्र,
परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी अपने प्रवचनों में कई बार फ़रमाते है की तेरापंथ धर्म संघ में सेवा का महत्व सबसे अधिक है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का एकमात्र गुरूविहार की सेवा का चारित्रआत्माओं की सेवा का कोई उपक्रम है तो वह है युवा वाहिनी।विहार सेवा जहाँ एक और हमारा नैतिक दायित्व भी है वहीं दूसरी और इस दौरान हमें संत सतियों से काफ़ी कुछ सीखने, ज्ञान बढ़ाने, और अपनी जिज्ञासा का समाधान करने का अवसर प्रदान होता है। विहार सेवा का आवरण शांतमय,ज्ञानमय,और सकारात्मकता से परिपूर्ण होता है। वहीं शारीरिक रूप से भी स्वास्थ्य के लिए यह अच्छा माध्यम है। हम सभी परिषदों से यह आह्वान करेंगे की गुरुदेव के विहार सेवा के इस उपक्रम में सेवा लेने से वंचित ना रहे अपने साथियों के साथ कार्यक्रम को निर्धारित कर इस से अवश्य जुड़े।यह आपके लिए जीवन के अनमोल पल में सम्मिलित होगा यह हमारा विश्वास है।
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