SAMAYIK SADHAK

मैं हूं सामायिक साधक SAMAYIK SADHAK

तेरापंथ समाज के युवा अध्यात्म एवं आत्म कल्याण की दिशा में आगे बढ़े, इस हेतु अभातेयुप द्वारा ‘मैं हूं सामायिक साधक’ आयाम संचालित किया जा रहा है। ‘सामायिक’ अध्यात्म का पहला सोपान है। सामायिक समता का अभ्यास और साधना है और इंद्रियों को अंतर्मुखी, मन को शांत, स्थिर एवं समाधिमय बनाने का उपक्रम है। जीवन में सामायिक की उपासना का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। सामायिक के प्रति रूचि जागृत करने और जैन एकता व विश्व मैत्री का संदेश देने हेतु दिनांक 05 जनवरी 2020 को अभातेयुप कीे एक अनुपम प्रस्तुति के रूप में 1 दिन, 1 समय, 1 साथ, 1 सामायिक के संकल्प के साथ पूरे विश्व में ‘जैन सामायिक फेस्टिवल’ अत्यन्त उत्साह के साथ आयोजित किया गया। सम्पूर्ण भारत सहित विश्व के 11 देशों में विश्व मैत्री का यह उत्सव आयोजित हुआ। पूरे विश्व में 1130 सेंटर्स पर हजारों की संख्या में सकल जैन समाज सामायिक हेतु उपस्थित हुआ।

सामायिक के लाभ

  • आत्म चिंतन का उत्तम साधन है।
  • चित्त की एकाग्रता बढ़ती है।
  • तनाव से मुक्ति एवं पूर्ण शांति मिलती है।
  • आध्यात्मिक क्रिया की ओर रुझान बढ़ता है।
  • हिंसा, असत्य, संग्रह इत्यादि से दूर रहा जा सकता है।
  • विघ्न कारकों को दूर किया जा सकता है।

सामायिक का अर्थ

संतुलन ही सामायिक है। अध्यातम का पहला सोपन है - सामायिक। कहते हैं कि साधना के क्षेत्र में सर्वाधिक मूल्य किसी का है तो वो है "समता" और "समता की साधना" का उत्तम मार्ग सामायिक है सम + आयिक = सामायिक यानि जहां समता का आय हो, समता का लाभ हो।

National In-Charge

Rakesh Dak

National Sub-In-Charge

Dipak Shrimal